झीलणीयुं - ५ ------------------------ राधा-चाल्यो जाने न गणगारा नंदना ( कुष्णगोपीनी वडछड) ( रागः छोडो छोडो काना मारो छेडलो) राधा- चाल्यो जाने न गणगारा नंदना रे, अमे नहि दईए महींडाना दाण रे… चाल्यो (१) कृष्ण - राधे स गणगा…
और पढ़ेंगरबी - ५ ------------------- मारा मननी वेदना वामी रे मारा मननी वेदना वामी रे, सहजानंद स्वामी. टेक सहेजे आनंद एवुं नाम ईश्वरनुं, जेणे कबजे कीधां छे बहुं कामी रे.. सहेजे आनंद मारा (१) देश परदेशमां पंथ चलाव्यो, एनी करीयामां नह…
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