किर्तन - ६ ---------------- महादानी जमुना ( રागः कल्याण – कृष्ण करे ते ठीक करे छे...) महादानी जमुना जगमांही, सेवक कु हे सुखदाता... टेक आश करी कोई आवे शरणमें, नैणे निरखे श्यामल गाता; धर्म, अर्थ अरू कामने मोक्ष, चारे फल पलमें…
और पढ़ेंभजन - ६ ------------------ बेडी हमारी मघ्य समुंदरा बेडी हमारी मघ्य समुंदरा, पार उतारो पीर रामा रे जी, बुडे तो बिरद आपनो लाजे, भक्त वत्सल घनश्यामा; बेडी हमारी पार उतारो पीर रामा रे जी... टेक जगत दरिया जळ बहु भरीया, तृष्णा रूपी…
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