गरबी -८ ----------------------- मुने रांक जाणीने मुने रांक जाणीने प्रभु राखो रे , चरणे शामळीया ... टेक सबळ बिरद हरि आपनुं संभाळी , मारी बांय झालोने बहुं बळीया रे ... चरणे ... मुने रांक ( १ ) वेद पुरा…
और पढ़ेंगरबी - ७ ----------------------- हुं तो शरणे आव्यो हुं तो शरणे आव्यो शुघ्घ थावा रे, मोरलीधर मावा... टेक अनंत जनमना पाप अमारा, तव नाम रटीश दूर थावा रे... मोरलीधर...हुं तो (१) मूर्ति तमारी मारा मनथी मोहनजी, हुं तो पल नहिं दउं…
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