भजन -प ---------------- अरज अजमलरा तमे कान ( रागः मळ्यो मुनष्य अवतार मांड करीने - ए राग) अरज अजमलरा तमे कान धरो किरतार वेद वदे छे तमे अधम ओधारण आप... टेक जे टाणे जम जोर बतावे, ते टाणे तत्काळ हां हां हां; अमर घोडे असव…
और पढ़ेंप्रभातीयुं - ५ ----------------------- अजमल कुंवर अलख अवतारी अजमल कुंवर अलख अवतारी, भीडभंजन प्रभु भारी रे.. .टेक आश करीने कोई चरणे आवे, दरशनथी दुःख जावे रे, अवगुण एक अंतर नहि लावे, पलमां लीये ओधारी रे... अजमल(१) पापी नरने परल…
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