धोळ - ६ --------------- રाम कहे मातु संभाळो रे राम कहे मातु संभाळो रे, मूंझाशो नहि मनमांय, अमे तो अवधी पाळी वेला आवशुं रे... टेक दया करजो मातु दिलीथी रे, छोरू उपर सदाय… अमे तो (१) भाई भरथजीने वेगथी रे, सारा देजे समाचार... अमे…
और पढ़ेंप्रभातीयां -६ --------------------- भालाळा प्रभु तमे भेरे रे'जो ' જો भालाळा प्रभु तमे भेरे रे'जो, राम रणुंजावाळा रे.. टेक देव दुवारका वाळा रे.... भालाळा कळजुगमां बीजुं कोण उगारे, अद्भुत खेल अत्यारे रे, विघन सघळाने क…
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