प्रभातीयुं - र ------------------------ ए जानकी नाथने ए जानकी नाथने जीभेथी समरता, अनेक जनमना रे पाप नासे... टेक पाछली रेनमां नैणे निंद्रा तजी, श्री रघुनाथनी किरत वांचे... ए जानकी (१) मांगलिक मूर्त…
और पढ़ेंप्रभातीयुं – १ -------------------------- आघ ओंकार जे आघ ओंकार जे प्रगट थई परवयॉ, मनन करतां जेनुं माप नावे... टेक चौद ब्रह्मांडमां झडने झगावीया, चैतन कीधा एम वेद गावे... आध (१) …
और पढ़ें
Social Plugin