भजन – ७ ----------------- लुंवर वंश तिलक तुं दाता तुंवर वंश तिलक तुं दाता, एक अरज पीर सुण मेरी; में अभियागत चरणुं में आयो, बांय पकड ले जभ मेरी... टेक ओर उपासना अळगी करीने, आशा राखुं एक तेरी; सोहंम् वचन से चडुं आकाशा, ज…
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